देहरादून: बारिश का कहर जारी है। कही हलकी तो कही तेज बारिश ने लोगो के लिए आफत बरसाई है। लोगो का जीवन इससे काफी प्रभावित हुआ है।शुक्रवार को लिनचोली में मलबे में दबे तीन शव बरामद हुए हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने और भूस्खलन की घटना के तीन दिन बाद भी सर्च ऑपरेशन जारी है। महानिदेशक अभिनव कुमार ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के हवाले से बताया कि मृतकों में से एक की पहचान हो पाई और बाकी दो की गुमशुदगी भी दर्ज नहीं है।
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास से वर्चुअली जिलाधिकारी (रुद्रप्रयाग) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रुद्रप्रयाग) से बात कर आपदा संबंधित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
हेली संचालन के लिए मौसम खुलते ही भीमबली से एयर लिफ्ट कर फंसे हुए श्रद्धालुओ कों रेस्क्यू करना शुरू कर दिया गया है। वहीं अभी तक सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच से करीब 250 लोगों को मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है।
भारी बारिश के कारण केदार घाटी में रास्ते क्षतिग्रस्त होने के चलते विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं।
शव की पहचान शुभम कश्यप निवासी सहारपुर के रूप में हुई है। शव व प्राप्त सामग्री को चौकी लिनचोली के सुपुर्द किया गया। तत्पश्चात टीम द्वारा मिसिंग लोगो की तलाश हेतु थारू कैंप, छोटी लिनचोली में सर्चिंग की गई। सर्चिंग के दौरान थारू कैंप में एक मोबाइल प्राप्त हुआ, जिसे चौकी लिनचोली के सुपुर्द कर दिया गया है।
त्रियुगीनारायण से 03-04 किमी ऊपर की ओर तोसी गांव में 08 से 10 यात्रियों के फंसे होने की सूचना पर एसआई जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ की एक रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है।
एसडीआरएफ की दूसरी टीम चिड़वासा में निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी के नेतृत्व में रेस्क्यू कार्य कर रही है।