मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच हाल ही में हुई बैठक में उत्तराखंड की कृषि और बागवानी को मजबूती देने के लिए 3800 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक सहायता पर सहमति बनी। यह सहयोग राज्य की खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कृषि विकास योजनाओं पर होगा फोकस
स्वीकृत राशि का उपयोग प्रदेश में कृषि विकास योजनाओं को लागू करने, आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने और पारंपरिक खेती को नवाचार से जोड़ने के लिए किया जाएगा। यह सहयोग किसानों की आय को बढ़ाने में मदद करेगा और उत्पादन लागत को घटाएगा।
फसल सुरक्षा और जैविक खेती को मिलेगा बल
वन्यजीवों से फसलों की रक्षा, मोटे अनाज (मिलेट्स) के उत्पादन को प्रोत्साहन, और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इससे राज्य की फसलों को बेहतर बाज़ार मिलेगा और पर्यावरण-संवेदनशील खेती को बढ़ावा मिलेगा।
फल उत्पादन और बागवानी को मिलेगा विस्तार
फल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी, जिससे किसानों को मौसमी फलों की खेती में लाभ मिलेगा। बागवानी क्षेत्र के विस्तार से कृषि विविधीकरण को बल मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
परिवर्तन की दिशा में एक निर्णायक पहल
यह वित्तीय सहयोग न केवल राज्य की खेती की तस्वीर बदलेगा, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उत्तराखंड को जैविक कृषि का केंद्र बनाने की दिशा में भी निर्णायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने इस सहयोग को राज्य के लिए “आर्थिक और कृषि पुनर्जागरण” की संज्ञा दी है।