यूक्रेन युद्ध का आज 14वां दिन, अमेरिका ने लड़ाकू विमान देने के पोलैं लगातार जारी हमले के बीच पोलैंड ने कहा है कि वह अपने सभी मिग-29 फाइटर विमान (MiG-29 Fighter Jets) अमेरिका के जरिए यूक्रेन को देने को तैयार है।
रूस और यूक्रेन के बीच आज 14वें दिन भी जंग जारी है. इस बीच रूस ने बुधवार को खारकीव, सूमी, चेर्नीहीव और मारियुपोल में सीजफायर की घोषणा की है. सीजफायर की घोषणा इसलिए की गई है कि ताकि युद्ध में फंसे नागरिकों को वहां से निकाला जा सके. रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के अलग-अलग शहरों को निशाना बना रहे हैं. बड़ी-बड़ी इमारतों, अस्पतालों और यहां तक कि स्कूल भवनों को भी निशाना बनाया गया है. यूक्रेन का दावा है कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के 61 अस्पताल और मेडिकल इक्विपमेंट्स नष्ट कर दिए हैं. रूसी हमले में यूक्रेन में काफी नुकसान पहुंचा है. जानमाल की काफी क्षति हुई है. यूक्रेन के कई सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया गया है. इस बीच पोलैंड की ओर से यूक्रेन को फाइटर प्लेन भेजकर मदद की पेशकश की गई है लेकिन अमेरिका ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
अमेरिका ने पोलैंड के प्रस्ताव को ठुकराया
यूक्रेन में लगातार जारी हमले के बीच पोलैंड ने कहा है कि वह अपने सभी मिग-29 फाइटर विमान (MiG-29 Fighter Jets) अमेरिका के रास्ते यूक्रेन को देने को तैयार है. इन्हें जर्मनी स्थित अमेरिकी एयर बेस पर भेजा जाएगा. इनका इस्तेमाल यूक्रेन की सेना कर सकेगी. यूक्रेन के सैनिक मिग-29 विमान को उड़ाने के लिए प्रशिक्षित हैं।उधर जंग के बीच पोलैंड के कदम को लेकर अमेरिका ने हैरानी जताई है।अमेरिका ने इसे हैरान करने वाला कदम बताया है।अमेरिका ने यूक्रेन के लिए रूस निर्मित लड़ाकू विमान देने के पोलैंड के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों पर मदद न करने का आरोप लगाया था।
पेंटागन ने अमेरिका को MIG-29 जेट ट्रांसफर करने के पोलैंड के प्रस्ताव पर सवाल उठाया है।पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि यह हमारे लिए स्पष्ट और ठोस तर्क नहीं है।बता दें कि पोलैंड की सरकार ने अमेरिका को MIG-29 जेट के अपने भंडार के साथ मुफ्त में आपूर्ति करने के अपने निर्णय की घोषणा की, जिसे बाद में यूक्रेन में स्थानांतरित किया जाएगा। पेंटागन ने पोलैंड की ओर से आश्चर्यजनक घोषणा को खारिज कर दिया कि वह यूक्रेन द्वारा उपयोग के लिए अमेरिका को अपने मिग -29 लड़ाकू जेट देगा. मिग का यूक्रेन में स्थानांतरण जटिलताओं से भरा है और रूस के साथ तनाव को और बढ़ा सकता है।