मुजाहिद अली
सितारगंज। आशा हड़ताल के बीस दिन पूरे होने पर उत्तराखण्ड सरकार को चेतावनी देने के लिए “चेतावनी रैली” निकाली गयी। चेतावनी रैली में अपना समर्थन देते हुए आम आदमी पार्टी के विधानसभा प्रभारी अजय जायसवाल ने रैली में भागीदारी कर आशाओं की मांगों को जायज करार दिया। चेतावनी रैली धरना स्थल सीएचसी से मुख्य बाजार होते हुए कृषि मंडी स्थित उप जिलाधिकारी कार्यालय तक निकाली गई वहां पहुंचकर आशाओं ने उप जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन दिया। रैली के माध्यम से आशाओ ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि मासिक वेतन समेत आशा वर्कर्स की माँगों पर तत्काल फैसला नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज़ करते हुए आंदोलन के अगले चरण में राज्य सरकार के मंत्रियों का घेराव किया जायेगा।
ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन द्वारा जारी बयान में कहा गया कि, “आशा आंदोलन के दबाव में सरकार द्वारा आशाओं को मिलने वाली मासिक प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव किया जा रहा है लेकिन आशाएँ स्पष्ट रूप से कहना चाहती हैं कि प्रोत्साहन राशि के बजाय मासिक वेतन फिक्स किया जाय। प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा कभी भी बंद की जा सकती है, ऐसा पूर्व में पांच हजार रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि के मामले में हो भी चुका है जो इसी सरकार द्वारा अचानक बंद कर दी गई। वैसे भी सरकार प्रोत्साहन राशि दे या वेतन सरकार के खजाने से तो उतना ही पैसा निर्गत होगा लेकिन प्रोत्साहन राशि के स्थान पर मासिक वेतन फिक्स होने से आशाओं में आर्थिक सुरक्षा की भावना आएगी और वे अपने को सुरक्षित महसूस करेंगी। इसलिए मासिक वेतन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।हड़ताल के बीसवें दिन निकाली गयी ‘चेतावनी रैली’ ब्लॉक अध्यक्ष मंजू देवी ब्लॉक महामंत्री मूवीना वरिष्ठ उपाध्यक्ष समरीन सिद्दीकी दीपा राणा समीना फूलमती बबीता यासमीन मोहिनी मीना परवीन संध्या राणा में बड़ी संखिया में आशा वर्कर्स मौजूद रही।
मांगे पूरी ना होने पर देहरादून से दिल्ली तक होंगे प्रदर्शन: आप
सितारगंज। आज बीसवें दिन आशाओ ने अपनी 12 सूत्रीय मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ चेतावनी रैली निकाली है आम आदमी पार्टी के सितारगंज विधानसभा प्रभारी अजय जायसवाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी का आशा वर्कर की मांगों को लेकर पूर्ण समर्थन है आप नेता ने कहा कि कोविड-19 काल में आशा वर्करों ने अपनी जान की तरवाह ना करते हुए सराहनीय कार्य किया है उनकी सभी मांगे जायज है उन्होंने कहा कि सरकार को इनकी मांगे माननी चाहिए अगर सरकार आशाओ की मांग नहीं मानती है तो देहरादून से दिल्ली का धरना प्रदर्शन किए जाएंगे।