रिपोर्ट भरत पाठक
पिथौरागढ़। सीमांत जनपद में एक बार फिर बादल कहर बनकर बरस रहे हैं। जिले के कई स्थानों पर भूस्खलन से नुकसान होने की सूचना है। धारचूला, डीडीहाट, मुनस्यारी व बेरीनाग तहसीलों में बीती रात भारी बारिश हुई है। बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आने से टनकपुर-तवाघाट हाइवे, थल-मुनस्यारी मार्ग, चीन सीमा को जोडऩे वाले तीनों मार्गों सहित जिले के इक्कीस मार्ग बंद हैं।
धारचूला में डरावनी हुई स्थिति
उधर धारचूला नगर के ऊपरी हिस्से एलधार में स्थिति भयावह बन चुकी है। मलबा सड़क किनारे लगाई गई जाली से ऊपर तक भर चुका है। जिसके चलते निचले हिस्से में मकानों को खतरा पैदा हो गया है। इस स्थान पर एक नाले का पानी मकान के अंदर घुस कर बह रहा है।
बकरियां चराने जंगल गए वयक्ति की मलबे से दबकर मौत
तहसील बंगापानी के मल्ला सैन गांव में बकरियां को चराने के लिए गए एक ग्रामीण नर राम पुत्र पाना राम की जंगल में मलबा और पत्थरों में दब जाने से दर्दनाक मौत हो गई। जब ग्रामीण के वापस नहीं लौटने पर परिजनों को खोजबीन के दौरान जंगल में मलबे और बड़े पत्थर के नीचे शव मिला। काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेबल के करीब पहुंच चुका है। धारचूला में काली नदी का चेतावनी लेबल 889 मीटर है और वर्तमान में जलस्तर 888.75 मीटर पर पहुंचा है।
जनपद में 21 मार्ग बंद
वहीं टनकपुर-तवाघाट हाइवे पिथौरागढ़ से धारचूला के बीच लखनपुर के पास बंद है वाहन फंसे हैं। इससे आगे धारचूला में एलधार के पास मार्ग बंद है। तवाघाट-सोबला- दारमा मार्ग 72वें दिन भी बंद है। तवाघाट-गर्बाधार -लिपुलेख , मुनस्यारी मिलम सहित 21 मार्ग बंद है। जिससे बड़ी आबादी प्रभावित है। धारचूला में 61 एमएम, डीडीहाट में 44 एमएम और मुनस्यारी में 31 एमएम बारिश हुई है। थल – मुनस्यारी मार्ग वनिक , हरडिय़ा में बंद है। जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग घिंघरानी में बंद है। दुर्गम क्षेत्र मुनस्यारी का अन्य स्थानों से संपर्क कट गया है।