मुख्य सचिव डॉ एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में शासन और विभाग के सभी अधिकारियों के साथ प्रदेश में निवेश योग्य योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की. उन्होंने नियोजन विभाग से खरीद वरीयता नीति तैयार करने के निर्देश दिए. इस पॉलिसी के तहत विभागों से जानकारी मांगी जाए कि किस विभाग को किस प्रकार की खरीद करनी होती है. इसके अनुसार प्रदेश में ही वस्तुओं आदि का उत्पादन पर फोकस किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार खपत संचालित योजनाओं से प्रदेश को लाभ होगा.
मुख्य सचिव ने लैंड बैंक को पोर्टल पर अपलोड किए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग लैंड बैंक पोर्टल पर अपने लिए सबसे उपयुक्त भूमि की तलाश कर सकेगा. इससे उस भूमि पर योजना की सफलता के अधिक सम्भावना होगी.
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पोषक अनाजों पर अत्यधिक सम्भावनाएं हैं. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यान विभाग को हार्टी टूरिज्म की दिशा में योजनाएं लाए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने वन विभाग को धनौल्टी की तर्ज पर प्रदेशभर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून मसूरी के आवासीय विद्यालय भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. इस प्रकार के आवासीय विद्यालयों पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है. इससे सिर्फ इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी जिससे प्रदेश और प्रदेशवासियों को किसी न किसी रूप में लाभ मिलेगा.
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में बहुत से निवेश और उद्योग छोटी-छोटी समस्याओं के कारण अटक जाते हैं. इनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर तीन स्तर में समितियां गठित की जा सकती हैं। पहले स्तर पर शासन स्तर पर समस्या का निराकरण किया जाए. यदि वहां समस्या का निस्तारण नहीं होता तो मुख्य सचिव स्तर पर किया जाएगा उसके बावजूद नहीं हो सकेगा तो मुख्यमंत्री स्तर पर गठित समिति उस समस्या का निस्तारण करेगी.
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, डाॅ. पंकज कुमार पाण्डेय, डाॅ. आर. राजेश कुमार एवं अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे.