श्रीनगर। गढ़वाल विवि में प्रति कुलपति की नियुक्ति को मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को प्रति कुलपति की नियुक्ति सहित बैक परीक्षाओं में फीस वृद्धि किये जाने के विरोध में छात्र संघ अध्यक्ष और उनके सहयोगी छात्रा धरने पर बैठ गए है। इससे पहले यह छात्र इसी मामले को लेकर गढ़वाल विवि की कुलपति से भी मुलाकात कर चुके है। इस दौरान छात्र संघ अध्यक्ष सुधांशु ने आरोप लगाया कि गढ़वाल विवि की परीक्षाओं में धांधली हो रही है। पीएचडी प्रवेश परीक्षा में भी गडबडी का आरोप लगाया है।
पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली के आरोप
धरने पर बैठे छात्रों ने आरोप लगाया की, विवि द्वारा करवाई गई पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2024 में धांधली की आसंका है। पीएचडी के प्रश्न पत्र नगर क्षेत्र के ही किसी प्रिंटिंग प्रेस में प्रिंट किए गये थे। जिनकी खरीद फरोख्त हुई है। परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुका था। छात्रों को पेपर बांटा जा रहा था। उन्होंने पूरे मामले में विवि के अधिकारियों के संलिप्त होने की बात कहीं। उन्होंने विवि की कुलपति से जल्द से छात्रों की परीक्षा दोबारा करवाने, पीएचडी प्रवेश में हुई धांधली की जांच करने,कॉपियों की गुणवत्ता ठीक करने, सहायक कुलसचिव (परीक्षा) पद से हटाने की मांग कर रहे है।
प्रति कुलपति पर लगाये गंभीर आरोप
गढ़वाल विवि में धरने पर बैठे के छात्रों ने प्रति कुलपति की नियुक्ति नियम विरोध किये जाने, परीक्षाओं और नियुक्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2009 में गढ़वाल विवि को केंद्रीय विवि में परिवर्तित होने के बाद 2011 से नियुक्तियों और परीक्षाओं में भारी पैमाने पर अनियमितताएं व भ्रष्टाचार व्याप्त है। समय-समय पर इसकी जानकारी यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय एवं उच्च अधिकारीयों को समय-समय दी जाती रही है, किन्तु शिकायतें नियमानुसार जांच करने के बजाय विवि के प्रति कुलपति को ही प्रेषित कर दी जाती हैं। जिनके संरक्षण में यह अनियमितताएं की जा रही हैं। गढ़वाल विवि में व्याप्त भ्रष्टाचार और परीक्षा में अनियमितताओं की जांच किये जाने के साथ ही प्रति कुलपति को सेवानिवृत्त के बाद नियमविरुद्ध तरीके से प्रतिकुलपति पद पर नियुक्ति के आदेश निरस्त करने की मांग कर