गढ़वाल मंडल के दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों सहित, मकान,खेत,खलियान,फसलें, गूल,पैदल मार्ग,पेयजल,विद्युत लाइनें सभी कुछ चढ़ गया बारिश के भेंट
रूठी व बेरुखी प्रकृति की इस महामार के आगे शासन-प्रशासन सहित सभी दिख रहे हैं लाचार
(वाचस्पति रयाल)
नरेंद्रनगर। विगत 4 दिनों से क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश आफत के रूप में ऐसे बरसी कि सारी व्यवस्थाएं चकनाचूर हो कर रह गई हैं। प्रकृति की इस मार से निपटने में शासन-प्रशासन के हाथ-पांव फूलकर बेबस दिखाई दे रहे हैं। आफत की इस घड़ी में कोई करे भी तो क्या और कैसे? बात सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो वहां विद्युत आपूर्ति के अभाव में गरजते बादलों और तेज वर्षा की बौछार के बीच धूप अंधेरे में किसी अनहोनी की आशंका से लोग-बाग डरे-सहमें हालातों में रातें काटने को मजबूर हैं, उनके जान में जान तो तब आती है,जब सुबह पौ फटते ही अंधेरा छंटने लगता है। आफत बनकर बरसी इस वर्षा के कुदरती मार से-ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच-94) फकोट व आगरा खाल के बीच भिन्नूखाला में पूरी सड़क गधेरे के पानी से कटकर लगभग 30 मीटर तक वास आउट हो गई है, सड़क कटकर रोड के दोनों ओर गहरी खाई बन गई है।
इस रूट के वाहनों को ऋषिकेश की भद्रकाली में रोक दिया गया है। इस रूट पर ट्रैफिक पास करने के लिए भिन्नूखाला में निरंतर प्रयास जारी हैं।जब तक मार्ग नहीं खुल पाता तब तक वाहनों के पहिए इस रूट पर जाम रहेंगे। वहीं ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग(एन एच-58) तोताघाटी, साकिन धार,शिव मूर्ति,तीनधारा आदि स्थानों पर भारी मात्रा में मलवा आने से रात से यातायात के लिए बाधित है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग तोता घाटी में भारी भूस्खलन
गढ़वाल मंडल के दोनों बड़े राष्ट्रीय राजमार्गों के बंद होने से समूचे क्षेत्र में खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने,यात्रियों-कर्मचारियों का आवागमन करने, खाद्य सामग्रियों को पहुंचाने तथा असाध्य रोगों से पीड़ित जनों को उपचार के लिए, लाने-ले-जाने सहित कई चीजों को लेकर बड़ी गंभीर समस्याएं पैदा हो गई हैं। जिला अधिकारी टिहरी इवा आशीष श्रीवास्तव ने ऋषिकेश- बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच-58) को बरसात के इन दिनों असुरक्षा की दृष्टि से तपोवन से मलेथा तक 27 अगस्त से स्थिति सामान्य होने तक आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।
गंगलसी व पजैगाँव में बारिश का भारी कहर, ग्रामीण क्षेत्रों में हुई भारी तबाही
विगत 4 दिनों से हो रही निरंतर मूसलाधार बारिश पट्टी दोगी के सुदूर ग्रामीण इलाकों में आफत बनकर बरसी है। ग्राम पंचायत बडीर के गांव गंगलसी तथा ग्राम पंचायत पजैगाँव में बारिश ऐसी आफत बनकर टूटी कि गांव के खेत- खलियान,आंगन-चौक,पैदल मार्ग पुल,पेयजल पाइप लाइनें,गूल,हौज़, खेतों में खड़ी फसलें सब कुछ चौपट होकर रह गया है। विद्युत आपूर्ति ठप है।
यादों में अगर कुछ बचा है तो सिर्फ तहस-नहस हुई चीजों का मंजर ही सामने दिखाई देता है। ऐसे मंजर को देख लोग गांवों में खौफज़दा हैं। बात ग्राम पंचायत बडीर की करें तो इस ग्राम पंचायत के गांव गंगलसी में 20 से अधिक काश्तकारों के खेत और फसलें नष्ट हो गई हैं।पैदल मार्ग व गधेरों के पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खेतों की पुश्ते टूट कर बिखर गए और खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।मकानों पर दरारें पड़ गयी हैं। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता गजेंद्र सिंह राणा तथा तेजपाल सिंह राणा ने क्षेत्र में हुए भारी नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गंगलसी गांव के 20 से अधिक काश्तकारों के खेत पीएमजीएसवाई द्वारा बनाई जा रही सड़क के मलबे से क्षतिग्रस्त हो गए।
फसलें मलबे में दफन हो गई हैं। उन्होंने बताया कि तेजपाल सिंह राणा,दयाल सिंह राणा, भरत सिंह राणा,शेखर सिंह, राकेश सिंह,नरेंद्र सिंह,सूर्यवीर सिंह,प्रेम सिंह,उमराव सिंह, हुकुम सिंह, आनंद सिंह,मातबर सिंह,संजय सिंह, लेखपाल सिंह आदि काश्तकारों के खेत और फसलें सब कुछ सड़क से गए मलबे की भेंट चढ़ गए।कई परिवारों के घरों के आंगन चौक टूट गए। जिनके घरों के आगे के आंगन चौक टूटे हैं उनमें शेखर सिंह, अवतार सिंह,विक्रम सिंह आदि शामिल हैं।
गंगलसी गांव मैं धान की फसल चढ़ी आपदा की भेंट
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता गजेंद्र सिंह राणा और तेजपाल सिंह राणा ने इस तबाही के लिए पीएमजीएसवाई के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है,कहा कि पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को मलवा डंपिंग जोन में डालने का अनुरोध किया गया।मगर पीएमजीएसवाई के बड़े अधिकारियों ने ग्रामीणों की एक नहीं मानी।
पजैगाँव में मकान ढहने के कगार पर
दोनों राणा बंधुओं ने कहा कि ग्रामीण काश्तकारों के लिए बर्बाद हुए खेत और फसलों के लिए स्थानीय प्रशासन और पीएमजीएसवाई के अधिकारी जिम्मेदार हैं। इन दोनों विभागों की लापरवाही का खामियाजा आज गांव के गरीब काश्तकारों को भुगतना पड़ रहा है।
गजेंद्र सिंह राणा और तेजपाल सिंह राणा ने सरकार और प्रशासन से मांग की है गरीब काश्तकारों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा भुगतान किया जाए। अन्यथा ग्रामीण पीएमजीएसवाई और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन को बाध्य होंगे।
उधर ग्राम पंचायत पजैगांव में भी भारी मूसलाधार बारिश से रणबीर सिंह पंवार और जगबीर सिंह पंवार के मकान के आगे का आंगन-चौक बारिश से आए मलबे की भेंट चढ़ गया और अब दोनों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं। गांव के काश्तकार जगत सिंह,किशोर सिंह,पूर्ण सिंह आदि परिवारों के खेत व फसलें भारी मलबे से बर्बाद हो गए हैं।
गांव के प्रधान ने पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग प्रदेश सरकार और प्रशासन से की है।