नैनीताल। कुमाऊं के साथ ही गढ़वाल को जोड़ने वाले ज्योलीकोट-कर्णप्रयाग नेशनल हाइवे बीरभट्टी पुल के समीप पहाड़ी दरकने के बाद बंद हो गया था। बंद हाइवे से मलबा हटाने के बाद पांचवें दिन यातायात के लिए खोल दिया गया है। जिससे भवाली की ओर जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को आए मलबे को हटाने के लिए विभाग के अधिकारीयों का दावा था कि दो दिन में मार्ग को दुरुस्त कर दिया जाएगा, लेकिन चार दिन भी हाइवे पर यातायात सुचारु नहीं हो पाया था।
पिछले एक पखवाड़े से बलियानाला से सटी पहाड़ी को मार्ग चौड़ीकरण के लिए काटा जा रहा है। जिससे पिछले सप्ताह शुक्रवार को उपहाड़ी का बड़े हिस्से में भूस्खलन हुआ और मलबा हाइवे पर वीरभट्टी पुल के समीप आ गिरा। उस दौरान केमू की बस मलबे की चपेट में आने से बाल बाल बच गई थी। बीते चार दिन से उक्त मार्ग बंद होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गयी थीं।
पुल पर आवागमन बंद होने के कारण वाहनों को 11 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर वाया नैनीताल अपने गंतव्य को जाना पड़ रहा था। नैनीताल में सोमवार को इस वजह से घंटों जाम लगा था। एनएच के अवर अभियंता दीपक तिवारी ने बताया कि पहाड़ी के ऊपरी हिस्से से लगातार मलबा खिसकर आने से मार्ग साफ करने में दिक्कतें आई थीं, मंगलवार से मार्ग को खोल दिया गया है।
सड़क बंद होने के कारण पहाड़ की ओर जाने वाले भारी माल वाहनों का आवागमन बंद हो गया था। इस कारण जरूरी पेट्रोलियम, दूध सहित अन्य वाहनों को नैनीताल और रामनगर होते हुए भेजा जा रहा था। वहीं केमू बसों को भी नैनीताल होते हुए भवाली और अल्मोड़ा की ओर भेजा जा रहा था। इससे यात्रियों को 20 से 40 रुपए तक अधिक किराया देना पड़ता था। वहीं ब्रिज खुल जाने के बाद से अब लोगों को राहत मिली है।