चमोलीः घांघरिया से पर्यटकों का पहला दल आज फूलों की घाटी के भ्रमण के लिए भेजा दिया गया है। इस साल चारधाम यात्रा में उमडी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पार्क प्रशासन को उम्मीद है कि पर्यटक यहां भी बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। पिछले साल घाटी के दीदार के लिए 13,161 पर्यटक पहुंचे थे। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। सुबह आठ बजे से पर्यटकों को घाटी के लिए भेजना शुरू कर दिया गया था। फूलों की घाटी हर साल एक जून को पर्यटकों के लिए खोल दी जाती है।
30 अक्टूबर तक जा सकेंगे पर्यटक
फूलों की घाटी उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। यहां पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था नहीं है। पर्यटकों को उसी दिन वापस घांघरिया लौटना होता है। घांघरिया से पर्यटकों को घाटी में सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक भेजा जाता है। शाम पांच बजे तक उन्हें वापस आना होता है। भारत के निवासियों के लिए 200 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए 800 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क निर्धारित किया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी रहेगी। प्रकृति प्रेमियों के लिए फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के बिहंगम नजारे भी देखने को मिलते हैं। फूलों की घाटी 30 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।
कैसे पहुंचे घाटी तक
गोविंद घाट से ही फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए ट्रैक करके जाना होता है। हालांकि गोविंद घाट से 11 किलोमीटर दूर घांघरिया तक टैक्सी या हैलीकॉप्टर से भी पहुंचा जा सकता है। घांघरिया यहां स्थित एक छोटा सा गांव है, जहां से फूलों की घाटी महज 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। इसके अलावा घनगढ़िया सिख समुदाय के बीच खासी अहमियत रखता है।