देहरादून: रांची जमीन घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंन्त सोरेन को जमानत दे दी है। हेमंत सोरेन बेल बॉन्ड भरने के बाद जेल से बाहर आ जाएंगे।
शीर्ष कोर्ट ने झारखंड के मुख्यमंत्री को जमानत देने के हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया है और फैसले को ‘‘बेहद तर्कपूर्ण’’ बताया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मिली बेल को रद्द करने की मांग जांच एजेंसी ईडी की ओर से की गई थी।
ईडी की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा हेमंत सोरेन को दी गई जमानत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार किया।
झारखंड हाई कोर्ट ने बेल हियरिंग के दौरान क्या कहा :
पूरे केस से पता चलता है कि प्रार्थी विशेष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से 8.86 एकड़ भूमि के अधिग्रहण और कब्जे के साथ-साथ “अपराध की आय” से जुड़े होने में शामिल नहीं है। किसी भी रजिस्टर/राजस्व रिकॉर्ड में उक्त भूमि के अधिग्रहण और कब्जे में याचिकाकर्ता की प्रत्यक्ष भागीदारी का कोई संकेत नहीं है।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि याचिकाकर्ता ने 2010 में उक्त भूमि का अधिग्रहण किया था और उस पर उसका कब्जा था, तो उस समय वह सत्ता में नहीं था, तो भूमि से विस्थापितों द्वारा अपनी शिकायत के निवारण के लिए अधिकारियों से संपर्क न करने का कोई कारण नहीं था।
हाई कोर्ट ने आगे कहा, प्रवर्तन निदेशालय का यह दावा कि उसकी समय पर की गई कार्रवाई ने अभिलेखों में जालसाजी और हेराफेरी करके भूमि के अवैध अधिग्रहण को रोका है, इस आरोप की पृष्ठभूमि में विचार करने पर एक अस्पष्ट कथन प्रतीत होता है कि भूमि पहले से ही अधिग्रहित थी और याचिकाकर्ता द्वारा उस पर कब्जा कर लिया गया था।