देहरादून: बारिश का मौसम जितना उत्साहित करता है उतना ही परेशानियों और तभी का मंज़र बना देता है। उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश ने कोहराम मचा रखा है। कई इलाकों में लैंडस्लाइड और जलभराव से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। अलग-अलग हादसों में 9 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों के लापता होने की खबर है। उधर, केदारघाटी में भी हाईअलर्ट है। टिहरी में तिलवाड़ा पुल बह गया है। आसमान से बरसती आफत ने देवभूमि में हाहाकार मचा रखा है।
2012 के बाद फिर केदारघाटी में तबाही का मंजर देखने को मिला। यहां केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फट गया। जिससे मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गया है। सुरक्षा के लिहाज से जिला प्रशासन ने देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग में बाजारों के साथ होटल और लॉज को खाली करवा दिया।
तप्तकुंड और केदारनाथ पैदल मार्ग को करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया है। एहतियात के तौर पर 200 लोगों को जीएमवीएन के गेस्ट हाउस और पुलिस चौकी में ठहराया गया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच चट्टान रास्ते पर गिरने की भी सूचना है।
टिहरी के घनसाली में भिलंगना ब्लॉक के नौताड़ तोक में एक छोटा होटल ढहने से दंपती भानु व नीलम की मौत हो गई। जबकि गैरसैंण के रोहिड़ा में एक मकान पर मलबा गिरने से एक महिला की मौत हो गई। दूसरी ओर चमोली के बेलचोरी में मकान ढहने से दो लोग लापता हो गए हैं।
देहरादून में भी बुधवार को तेज बारिश का दौर देर रात तक जारी रहा। कुछ ही देर में नालापानी में सड़क पर पानी इतना तेज बहने लगा कि दो लोग बहकर लापता हो गए। जिनमें से एक का शव बरामद हो गया। वहीं, रिस्पना समेत शहर के नदी-नाले उफान पर आ गए। नदियों किनारे बसे निचले इलाकों में रात तक बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई कॉलोनियों में पानी भर गया।