Uttarakhand Education Minister डॉ. धन सिंह रावत ने राजस्थान भ्रमण के दौरान dholpur military school एवं राजकीय मेडिकल कॉलेज का भ्रमण कर वहां के शैक्षिक महौल एवं उपलब्ध सुविधाओं का बारीकी से अवलोकन किया। राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के दौरे के दौरान डॉ. रावत ने स्कूल प्रशासन व सैन्य अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सहित अन्य कई विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने धौलपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान डॉ. रावत ने दोनों संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में भी चर्चा की।
कैबिनेट मंत्री Dr. Dhan Singh Rawat ने किया राजस्थान में धौलपुर भ्रमण
राजस्थान दौरे पर गये कैबिनेट मंत्री Dr. Dhan singh rawat ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि उन्होंने dholpur military school का दौरा कर वहां के शैक्षणिक एवं सैन्य प्रशिक्षण से संबंधित गतिविधियों के बारे में जाकनारी हासिल की। साथ ही स्कूल प्रबंधन व सैन्य अधिकारियों से मिलिट्री स्कूल के संचालन के बारे में जानकारियां प्राप्त की। डॉ. रावत ने बताया कि मिलिट्री स्कूल भ्रमण के दौरान उन्होंने सैन्य अधिकारियों के साथ शिक्षा से जुड़े तमाम विषयों एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सैन्य अधिकारियों को उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राज्य में सर्वप्रथम एनईपी-2020 लागू कर दी गई है, इसके अलावा प्रदेश में वि़द्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना कर नवाचार, रोजगार व गुणवत्तापरक एजुकेशन उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाये गये हैं। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने धौलपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज का भ्रमण कर वहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी हासिल की। इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों का अवलोकन कर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से बातचीत की। डॉ. रावत ने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराख्ांड पहला राज्य है जहां मेडिकल छात्र हिप्पोक्रेटिक ओथ की जगह चरक शपथ लेते हैं। राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में अंग्रेजी माध्यम से के साथ-साथ हिन्दी माध्यम में भी एमबीबीएस पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है। जिससे हिन्दी भाषी छात्र-छात्राओं को मेडिकल की पढ़ाई करने में आसानी होगी।